Agar Kajro Hain Anjum | अगर कजरो हैं अन्जुम
Tags:
Bal-e-Jibreel
अगर कजरो हैं अन्जुम, आसमाँ तेरा है या मेरा
मुझे फ़िक्र-ए-जहाँ क्यूँ हो, जहाँ तेरा है या मेरा ?
अगर हंगामा हाए शौक़ से है ला-मकाँ ख़ाली
ख़ता किसकी है या रब! ला-मकाँ तेरा है या मेरा?
उसे सुबह-ए-अज़ल इन्कार की जुरअत हुई क्यूँकर
मुझे मालूम क्या, वो राज़दां तेरा है या मेरा ?
मुहम्मद भी तेरा, जिबरील भी, क़ुरआन भी तेरा
मगर यह हर्फ़-ए-शीरीं तर्जुमा तेरा है या मेरा?
इसी कोकब की ताबानी से है तेरा जहाँ रोशन
ज़वाल-ए-आदम-ए-ख़ाकी ज़ियाँ तेरा है या मेरा ?
___
ज़िया मुहीउद्दीन की आवाज़ में सुने: